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वर्ष 2016 स्वर्गारोहण के दिन और पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा

  • | कोरिया
  • 日付 | 2016年.5月.05日
यीशु मसीह का पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण चर्च के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण अर्थ रखते हैं। प्रथम चर्च के सदस्य अपने उद्धारकर्ता को क्रूस पर बहुत कष्ट झेलते हुए देखकर अत्यंत गहरे दुख में डूब गए थे। लेकिन जब वे यीशु के पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण की चमत्कारपूर्ण शक्ति के चश्मदीद गवाह बने थे, तब उन्होंने बहुत मजबूत विश्वास के साथ बड़े उत्सुक होकर प्रचार करना शुरू किया था।
ⓒ 2016 WATV
पुनरुत्थान के बाद चालीसवें दिन घटी मसीह के स्वर्गारोहण की घटना को स्मरण रखने के लिए, 5 मई को दुनिया भर के चर्च ऑफ गॉड में स्वर्गारोहण के दिन की पवित्र सभा आयोजित की गई। उस दिन से 10 दिन बाद 15 मई को पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा आयोजित की गई।

ⓒ 2016 WATV
स्वर्गारोहण के दिन की पवित्र सभा : विश्वास के साथ की जाने वाली प्रार्थना पवित्र आत्मा के वास करने की शुरुआत है
माता ने प्रार्थना के द्वारा स्वर्गारोहण के दिन की पवित्र सभा में शामिल हुए दुनिया भर के सभी सदस्यों को आशीष दी और उन्होंने पिता को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी सेवकाई समाप्त करने के बाद आकाश में उठा लिए जाने का नमूना दिखाया और अपनी संतानों के मन में स्वर्गारोहण की महिमा की आशा को जागृत किया, और फिर उन्होंने सभी सदस्यों से विनती की कि वे मजबूत विश्वास के साथ सुसमाचार का मिशन जल्दी पूरा करके स्वर्ग के राज्य में हार्दिक स्वागत प्राप्त करें।
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने स्वर्गारोहण के दिन की शुरुआत और अर्थ समझाया और प्रार्थना के महत्व पर जोर देकर कहा, “प्रथम चर्च के सदस्य पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा पाकर लोगों की बड़ी भीड़ को मन फिराव की ओर ले आए। उसकी शुरुआत प्रार्थना थी जो एक ही मन के साथ की गई।” उन्होंने सभी सदस्यों पर पवित्र आत्मा बरसने की आशा की और कहा, “जैसे कि परमेश्वर ने कहा, ‘जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा(मत 21:22),’ आइए हम विश्वास करें कि परमेश्वर विश्वास के साथ की जाने वाली प्रार्थना का उत्तर अवश्य ही देते हैं, और परमेश्वर से बड़ी उत्सुकता से पवित्र आत्मा की शक्ति मांगें(प्रे 1:6–11; 1थिस 4:13–17; 1कुर 15:50–58)।”
स्वर्गारोहण के दिन की आराधना के बाद शाम से पिन्तेकुस्त के दिन की प्रार्थना अवधि शुरू हुई। दुनिया भर में 2,500 से अधिक चर्चों के सदस्यों ने भोर और शाम को लगातार परमेश्वर से प्रार्थना की कि पवित्र आत्मा के अनुग्रह के द्वारा प्रथम चर्च का इतिहास फिर से दोहराया जाए, और प्रचार करने के लिए जल्दी–जल्दी अपना कदम बढ़ाया।

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पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा : पवित्र आत्मा की शक्ति पाकर एलोहीम परमेश्वर के गवाह बनें!
पवित्र आत्मा के आगमन की बाट जोह रहे सदस्यों की प्रार्थनाओं के बीच 15 मई को पिन्तेकुस्त के दिन(पुनरुत्थान के दिन के बाद 50वें दिन) की सुबह आ गई।
प्रथम चर्च के दिनों में सदस्यों ने जिन्होंने पिन्तेकुस्त के दिन पवित्र आत्मा पाया था, मसीह के इस आज्ञा का पालन किया था, “यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे(प्रे 1:8),” और उन्होंने एक दिन में तीन–पांच हजार लोगों को पश्चाताप कराने का अद्भुत कार्य पूरा किया था, और उन्होंने यहूदिया की सीमा को पार करके अन्यजातियों को भी प्रचार किया था।
माता ने प्रार्थना की कि पूरे संसार में प्रत्येक सिय्योन के सभी सदस्यों पर प्रथम चर्च के दिनों के पवित्र आत्मा से और अधिक शक्तिशाली पवित्र आत्मा उंडेला जाए। और उन्होंने आशा की कि सभी संतान पवित्र आत्मा पाने के योग्य पर्याप्त विश्वास रखें और पवित्र आत्मा पर निर्भर होकर सात अरब लोगों को साहसपूर्वक सुसमाचार का प्रचार करें।.

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने भी कामना की कि सभी सदस्य प्रचुर मात्रा में पवित्र आत्मा की आशीष पाएं, और उन्होंने जोर देकर कहा, “पवित्र आत्मा पाने की शर्त परमेश्वर को पूरी तरह से जानना है(हो 6:3)। उन्होंने मूसा के नियम में पवित्रस्थान और परम पवित्रस्थान, आदम और हव्वा की सृष्टि करने की प्रक्रिया और उसके अर्थ इत्यादि जैसे बाइबल के सबूतों के आधार पर पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर की ओर से पवित्र आत्मा के उंडेले जाने के सिद्धांत के बारे में बताया और फिर जोर देकर कहा, “जैसे प्रथम चर्च के सदस्य पिन्तेकुस्त के दिन बहुतायत से पवित्र आत्मा पाकर यीशु के गवाह बने थे, वैसे ही इस युग में हम लोगों को भी जिन्होंने पवित्र आत्मा प्राप्त किया है, सात अरब लोगों को एलोहीम परमेश्वर की घोषणा करने वाले गवाह बनने चाहिए(प्रक 21:22; इब्र 8:5; मत 27:50–52; उत 2:21–23; गल 4:26; प्रे 2:1–21, 38–47)।”
दोपहर की आराधना के बाद, माता ने उन सदस्यों के मन में जिन्होंने दस दिनों तक पवित्रता से पर्व मनाया, अनन्त एवं महिमामय स्वर्ग का राज्य जागृत किया और उन्हें यह कहकर प्रोत्साहित किया, “जब आप पवित्र आत्मा की शक्ति पर विश्वास करते हुए सुसमाचार का प्रचार करेंगे, तब आप प्रथम चर्च के सदस्यों के द्वारा किए गए कार्यों से भी अत्यंत महान कार्य कर पाएंगे और अंत में स्वर्ग का आनंद पाएंगे।”
पवित्र आत्मा की आशीष के साथ–साथ माता का प्रोत्साहन पाकर सदस्यों ने यह कहकर अपनी आकांक्षा को दिखाया, “हम निरन्तर प्रार्थना करते रहेंगे कि परमेश्वर से प्राप्त हुआ यह पवित्र आत्मा न बुझ जाए, और हम और अधिक परिपक्व विश्वास के साथ सात अरब लोगों को प्रचार करने के आंदोलन में बड़ी मेहनत से भाग लेंगे।”