वर्ष 2012 युवक-युवतियों के लिए बाइबल सेमीनार

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11 नवंबर को दोपहर 3 बजे कोरिया के चर्च ऑफ गॉड के प्रत्येक संघ ने वर्ष 2012 युवक-युवतियों के लिए सेमीनार आयोजित किया. कोरिया के मुख्य चर्च ऑफ गॉड में यह सेमीनार इस उद्देश्य से आयोजित किया गया कि इस युग में लोगों को माता परमेश्वर के अस्तित्व और जरुरत ज्ञात हो जाए. 48 संघों में हुए सेमीनार में जो उपस्थित थे उनकी कुल संख्या लगभग 20,000 थी. उसमें 1,200 लोग ग्यंगगी-संगनाम संघ के नई यरूशलेम मंदिर में इकट्ठे हुए.
विभिन्न प्रेस की रिपोर्ट, अध्ययन सामग्रियां, आंकड़े, चित्र, वीडियो आदि जैसे विभिन्न वस्तुनिष्ठ सामग्रियों को प्रस्तुत करते हुए युवक-युवतियों के लिए सेमीनार संचालित किया गया. चर्च ऑफ गॉड के युवक-युवतियों ने खुद ही इसकी योजना बनाई थी और तैयार किया था. इतना ही नहीं, उन्होंने खुद ही सेमीनार का संचालन किया और प्रस्तुतियां पेश कीं. सेमीनार शुरू होने से पहले उन्होंने एक जोशपूर्ण व प्रगतिशील गीत और रोचक नृत्य का प्रदर्शन किया, और संगीत प्रस्तुति और दूसरी प्रस्तुतियां भी दी.
सेमीनार तीन विषयों के तहत किया गया. पहली टीम ने "नारीवाद और माता परमेश्वर" शीर्षक विषय पर प्रस्तुति दी. उन्होंने स्त्रियों के अधिकार से संबंधित घटनाओं के बारे में बताया; स्त्रियों का अधिकार पुराने जमाने में दबाया गया, पर आज अधिक बढ़ाया जा रहा है. यह घटना माता परमेश्वर के प्रकट होने से संबंधित है. दूसरी टीम की प्रस्तुति का शीर्षक था, "पृथ्वी में शान्ति कराने वाली माता" उन्होंने बताया कि जिस प्रकार एक माता परिवार में बच्चों के झगड़े में मध्यस्थता करती हैं. उसी प्रकार माता परमेश्वर विभिन्न प्रकार के झगड़ों से भरी दुनिया में एक शान्ति कराने वाली के रूप में बहुत ही जरूरी हैं. और उन्होंने दुनिया को शान्त बनाने के लिए किए गए माता के अच्छे कार्यों के बारे में वीडियो दिखाया. आखिर में तीसरी टीम ने "माता के द्वारा दुनिया बदलती है" शीर्षक विषय पर प्रस्तुति दी. प्रस्तुतकर्ताओं ने उन लोगों के बारे में चर्चा की जो संसार से स्वर्गीय यरूशलेम की बांहों में दौड़ कर आते हैं, और प्रमाणित किया कि पूरे संसार को शांत और सुरक्षित बनाने वाली शक्ति माता परमेश्वर से आती है.
उस दिन, चर्च ऑफ गॉड के सदस्य और उनके परिवारजन, पड़ोसी और परिचित लोगों समेत लगभग 6,000 लोगों ने, जो चर्च ऑफ गॉड और माता परमेश्वर में रूचि रखते हैं, ध्यानपूर्वक सेमीनार को सुना. अधिकतर उपस्थित लोगों ने कहा, "यह लोगों की पूर्वधारणा है कि केवल पिता परमेश्वर का अस्तित्व है. लेकिन यह माता परमेश्वर के बारे में सोचने का अधिक लाभकारी समय था." एंड्रयू (उम्र 29 साल) जो अमरिकी अंग्रेजी टीचर है, बुनदांग में नई यरूशलेम मंदिर में आयोजित किए गए सेमीनार में उपस्थित हुआ और उसने कहा, "मुझे वह खबर जानकर खुशी हुई जो झगड़ों और संघर्ष से भरे संसार के लिए आशाजनक है, और मैं सामान्य ज्ञानों के द्वारा माता परमेश्वर के बारे में भी समझ सका." ह म्यांग-सुक नामक एक गृहिणी (उम्र 44 साल) सियोल में यंगदुंगपो चर्च आई और उसने कहा, "मुझे चर्च के उन सदस्यों को देखकर अच्छा लगा जो समर्पित भाव से अभागे पड़ोसियों की ऐसे मदद करते हैं जैसे वे उनके असली परिवारजन हों. मैं माता परमेश्वर का प्रेम सीखना चाहती हूं, और मौका मिलने पर उनका साथ देना चाहती हूं."
पूरा विश्व घृणा और झगड़े के कारण क्षुब्ध और आहत हुआ है. इसलिए जिसे सारी मानव जाति को ढूंढ़ना चाहिए और जिसकी अभिलाषा उन्हें करनी चाहिए, वह माता परमेश्वर ही हैं जो प्रेम के साथ सभी लोगों का आलिंगन करती हैं. सेमीनार को समाप्त करते हुए संचालक ने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि माता परमेश्वर हमारे साथ हैं, चर्च ऑफ गॉड के सारे कार्यक्रम विसंगतियों से भरे संसार को शांति की राह पर ले जा सकते हैं, और आशा जताई कि सभी लोग जिन्होंने संसार में शांति, स्थिरता, सांत्वना न पाई है, माता परमेश्वर की ओर आएं और शांति की दुनिया की अनुभूति पाएं.

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