विश्वविद्यालय के छात्रों का ‘वाउ माम(WOW MOM)’ आंदोलन:
“आओ हम माता के अद्भुत प्रेम को संसार के सभी विश्वविद्यालयों तक पहुंचाएं!”
2 मार्च को¸ छुंगबुक में ओकछन गो एन्ड कम संस्थान की व्यायामशाला में वर्ष 2014 विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए नए सत्र के शुभारंभ अवसर पर आराधना की गई। आराधना के साथ ही¸ कैम्पस के जीवन पर व्याख्यान भी आयोजित किया गया था। विश्वविद्यालयों और कालेजों के नए सत्र के शुभारंभ होने के एक दिन पहले¸ देश के 2¸500 से ज्यादा छात्रों ने अपने विश्वास की आत्मा को मजबूत किया और एक अर्थपूर्ण कैम्पस जीवन के लिए उपयोगी जानकारियां प्राप्त कीं।
आराधना के दौरान¸ माता ने विश्वविद्यालयों के छात्रों के भीतर इस भविष्यवाणी के नायक होने के गौरव की भावना जागृत की कि “तेरी प्रजा के लोग तेरे पराक्रम के दिन स्वेच्छाबलि बनते हैं; तेरे जवान लोग पवित्रता से शोभायमान¸ और भोर के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान तेरे पास हैं(भज 110:3)” और कहा कि¸ “उन दिनों में जब आप सबसे ज्यादा सामर्थ्यवान और बुद्धिमान हैं¸ परमेश्वर के वचनों को पहिन लीजिए¸ और सुसमाचार और अच्छे कार्यों में अग्रणी बनकर ऐसे युवा वयस्क बनिए जिनकी सिय्योन और समाज में जरूरत है।” माता ने उन्हें यह कहते हुए प्रोत्साहित किया कि¸ “यहोशू ने कनान का रास्ता रोकने वाले अजेय यरीहो के किले को परमेश्वर के इन वचनों पर निर्भर होकर एक बड़ी पुकार से नष्ट किया था कि¸ ‘भय न खा; हियाव बांधकर दृढ़ हो जा¸ क्योंकि मैं तेरे संग संग रहूंगा।’(यहो 1:5–9) वही मिशन आप युवा वयस्कों को दिया गया है। आप सब को विश्वास के जीवन में या फिर विश्वविद्यालय में अनेक परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है¸ लेकिन इस विश्वास के साथ उस पर जीत प्राप्त करें कि परमेश्वर आपके साथ हैं¸ और निडरता के साथ सत्य की घोषणा करते हुए स्वर्गीय कनान में प्रवेश करें।”
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा कि¸ “जब आप अपने आपको थका हुआ¸ अकेला या फिर हताश हुआ महसूस करते हैं¸ उस समय जो कोई यरूशलेम माता को याद करता है और उनसे प्रेम करता है¸ वह शांति¸ ढाढ़स और कल्याण पाएगा।(भज 122; यश 66:10–14) युवा वयस्कों को¸ जो स्वयं को परमेश्वर के प्रति समर्पित करते हैं¸ यरूशलेम माता के प्रति प्रेम सबसे ज्यादा चाहिए। माता परमेश्वर का अस्तित्व है¸ यहीं वह समाचार है जिसका मानव जाति इंतजार कर रही है और जिससे अचम्भित हो जाती है। माता के प्रेम के साथ¸ आइए हम ऐसे संदेशवाहक बनें जो माता के प्रेम को बांटते हैं।” और उन्होंने विश्व के सभी विश्वविद्यालयों में और कालेजों में माता के प्रेम को फैलाने के लिए ‘वाउ माम’ आंदोलन की सलाह दी। एक गूंजनेवाले आमीन के स्वर के साथ¸ छात्रों ने इस आंदोलन को पूरा करने की अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की।
प्रोफेसर ई ह्ये ग्यंग और ग्वन ह्यक जीन ने उन्हें कैम्पस जीवन के विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने “विश्वविद्यालय और सुसमाचार¸” और “कौन है उत्कृष्ट छात्र?” इन विषयों के द्वारा उन्हें एक सफल विश्वविद्यालय जीवन के लिए व्यावहारिक बातें दिखार्इं¸ और उनसे आग्रह किया कि वे ऐसे उत्कृष्ट छात्र बनें जो परमेश्वर के महान प्रेम को अमल में लाते हैं और संसार को बचाते हैं।
सब छात्र¸ जो एलोहीम परमेश्वर से आशीष प्राप्त करके अपना नया सत्र शुरू करने वाले थे¸ आशा और दृढ़ संकल्प से भरे हुए थे। यन्से विश्वविद्यालय के छात्र¸ भाई पार्क जंग जीन ने यह कहकर मन में संकल्प बनाया कि¸ “मैं नया सत्र शुरू होने के बाद मुझ पर पड़ने वाले व्यस्त कार्यक्रम से डरता था। लेकिन मैं ने यह महसूस किया कि मैं कोई सामान्य छात्र नहीं हूं परन्तु परमेश्वर का छात्र हूं। जब हर कोई थका हुआ और कुचला हुआ है¸ मैं उसके साथ माता परमेश्वर के अविरत प्रेम को बांटूंगा।” गाछन विश्वविद्यालय की छात्रा¸ बहन सिम उन ह्ये ने कहा कि¸ “पहले¸ मैं स्कूल में और चर्च में लक्ष्यहीन होकर समय गंवाती थी। लेकिन आज से¸ मैं एक स्पष्ट उद्देश्य बनाऊंगी¸ और अच्छे कार्यों और युवा वयस्क की अत्यंत साहसी भावना के साथ माता के प्रेम का प्रचार करूंगी¸ ताकि मैं उस ‘वाउ माम’ आंदोलन को पूरा कर सकूं जो पूरे संसार को इस बात से प्रभावित करता है कि माता परमेश्वर का अस्तित्व है और यह भी कि उनका प्रेम महान है।”
अब¸ संसार चर्च ऑफ गॉड के युवा वयस्कों के भक्तिपूर्ण सेवा कार्यों से प्रेरित हो रहा है। हमारे समाज को माता के अनुराग¸ सौहार्दपूर्णता और प्रेम की गर्माहट की आवश्यकता है क्योंकि समाज नैतिकता को खो रहा है और अहंकार बढ़ रहा है। माता के प्रेम के साथ इस अंधेरे संसार में ज्योति चमकाने के दृढ़ संकल्प के साथ¸ विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक मन होकर जोर से नारा लगाया¸ “वाउ! माम!”
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